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दोस्तों हम इस लेख में Difference Between NBFC and BANK (एनबीएफसी और बैंक में क्या अंतर होता है ?) बैंक सभी तरह का लेन देन करती है, जो भी काम बैंक करती है वही काम NBFC भी करती है. लेकिन, फिर भी बैंक NBFC से अलग है. शायद एक प्रश्न आपके मन में उठ रहा हो बैंक क्या है और NBFC क्या है ?

बैंक हमेशा से दुनिया भर में सबसे प्रचलित Financial Institutions में से एक रहे हैं। बैंकों के अलावा, गैर-बैंक वित्तीय कंपनियां (Non-Bank Financial Companies) भी हैं जिन्हें आमतौर पर एनबीएफसी (NBFC) भी कहा जाता है जो उधारी और दूसरी Financing Activities करती हैं।

क्या आप भी एनबीएफसी (NBFC) और बैंक में क्या अंतर होता है ? या Difference Between NBFC and Bank  के बारे में जानना चाहते हैं लेकीन उससे पहले मैं आपको बता दूं की एनबीएफसी (NBFC) और बैंकों के बीच काफी सारी समानताएं भी मौजूद हैं, लेकीन दूसरी ओर ये दोनों ही कई पहलुओं में एक दूसरे से भिन्न हैं।

एनबीएफसी (NBFC) और बैंक के बीच मुख्य अंतर ये है कि एक बैंक RBI के प्रति जवाबदेह होता है जबकि एक एनबीएफसी (NBFC) Companies Act, 1956 के तहत Registered होती है। इसीलिए आज के इस Article में मैं इन दोनों के बीच में मौजूद अन्तर के बारे में आप सभी के साथ Share करने वाला हूं जिससे की आप इन दोनों को आसानी से समझ सकेंगे –

एनबीएफसी क्या हैं – 

NBFC की Full Form Non-Banking Financial Company होती है, जो Companies Act, 1956 के तहत Registered कंपनी है और RBI Act, 1934 के तहत Central Bank यानी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा Regulated है। ये Institutions बैंक नहीं हैं, लेकिन वे उधारी और अन्य गतिविधियों में लगी हुई हैं। 

बैंकों की Services, जैसे Loan और  Advance Loan की सुविधा, Savings और Investment की Facility, Money Market में Trading , Stocks के Portfolio को Manage करना, पैसों का Transfer आदि।

दूसरे शब्दों में एनबीएफसी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, जो कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत होती है और केंद्रीय बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा नियंत्रित की जारी है. NBFC बैंक नहीं हैं लेकिन बैंकों की तरह ऋण और अग्रिम क्रेडिट सुविधा, बचत, निवेश स्टॉक प्रबंधन, धन हस्तांतरण आदि जैसी गतिविधियों में शामिल होती है।

यह किराया खरीद, पट्टे, बुनियादी वित्त, उद्यम पूंजी वित्त, आवास वित्त इत्यादि की गतिविधियों में भी शामिल होती है। एनबीएफसी सिर्फ सावधि जमा स्वीकार करती है । ये Hire Purchase, Lease, Venture Capital Finance, Infrastructure Finance और Housing Finance,आदि की गतिविधियों में भी शामिल है। एक एनबीएफसी (NBFC) Deposits को स्वीकार करता है, लेकिन केवल Fixed Deposit और मांग पर चुकाने योग्य Deposit ही स्वीकार नहीं किया जाता है।

भारत में, ये कंपनियां Mid-1980 के दशक में उभरीं। कोटक महिंद्रा फाइनेंस, SBI Factors, सुंदरम फाइनेंस, ICICI Ventures कुछ लोकप्रिय एनबीएफसी (NBFC) के उदाहरण है

बैंक क्या है ? 

बैंक Financial Institutions हैं, जिन्हें सरकार द्वारा Deposits स्वीकार करना, Loans प्रदान करना, Withdrawal का प्रबंधन करना, Interest को Pay करना, Check Clearing और Customers को General Utility सेवाएं प्रदान करने जैसी बैंकिंग गतिविधियों का संचालन करने के लिए Authorized किया गया है।

बैंक एक Main Organization हैं, जो देश की संपूर्ण Financial System पर हावी हैं। यह Depositors और Borrowers के बीच एक वित्तीय मध्यस्थ (Financial Intermediaries) के रूप में काम करता है, जो अर्थव्यवस्था (Economy) के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करता है।

बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks), निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks) या विदेशी बैंक(Foreign Bank) हो सकते हैं। वे Loans प्रदान करने, Loan को बनाना, जमा राशि को जुटाने, Funds के सुरक्षित और समयबद्ध Transfer और Public की ज़रूरत की Services प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। एक Commercial Bankकी Ownership Shareholder के पास होती है और वे Profit के उद्देश्य से Operate होते हैं।

दूसरे शब्दों में यें कहे कि बैंक एक वित्तीय संस्थान हैं, जो सरकार द्वारा बैंकिंग गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिकृत किया गया है. जैसे जमा, निकासी, मनी ट्रांसफर, क्रेडिट, लोन, ड्राफ्ट, चेक क्लियर करना और ग्राहकों को सामान्य उपयोगिता की सेवाएं प्रदान करना।

बैंक देश की सभी वित्तीय प्रणाली को सुचारु रूप से करने के लिए जिम्मेदार है और यह वित्तीय व्यवस्था की सर्वोच्च संगठन है। यह जमाकर्ताओं और उधारकर्ताओं के बीच वित्तीय मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है जो अर्थव्यवस्था की सुचारु गतिविधियों को सुनिश्चित करता है।

बैंक कई तरह के होते हैं जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक या विदेशी बैंक। बैंक का काम जमा, निकासी के साथ सुरक्षित और समयबद्ध हो कर धनराशि का हस्तांतरण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक करता है. वाणिज्यिक बैंक का स्वामित्व शेयरधारकों के पास होता है यह बैंक लाभ के उद्देश्य से काम करता है।

एनबीएफसी और बैंक के बीच मुख्य अंतर क्या हैं ? 

  • सरकार के द्वारा Authorized एक Fnancial Institution जिसका उद्देश्य आम जनता को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना है, बैंक कहलाता है। NBFC एक ऐसी कंपनी है जो बिना बैंक License के लोगों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करती है।
  • एक NBFC को Indians Companies Act, 1956 के तहत Incorporated किया जाता है जबकि एक बैंक Banking Regulation Act, 1949 के तहत Registered होता है।
  • एनबीएफसी (NBFC) को ऐसे Deposits स्वीकार करने की अनुमति नहीं है जो Depositer की Demand पर चुकाने योग्य होते हैं। इसके विपरीत, बैंक ऐसे Deposits स्वीकार करता है।
  • एनबीएफसी (NBFC) में 100% तक के Foreign Investment की अनुमति है। दूसरी ओर, केवल निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks) ही Foreign Investment के लिए Elegible हैं, और ये 74% से अधिक नहीं होगा।
  • बैंक Payment और Settlement Cycle का एक अभिन्न अंग हैं जबकि एनबीएफसी (NBFC) इस System का हिस्सा नहीं है।
  • बैंक Credit बनाते हैं, जबकि एनबीएफसी (NBFC) Credit बनाने में शामिल नहीं होती है।
  • बैंक Customers को Transaction Services प्रदान करते हैं, जैसे Overdraft सुविधा प्रदान करना, Traveler’s Check जारी करना, Fund Transfer करना आदि। ऐसी सेवाएं एनबीएफसी (NBFC) द्वारा प्रदान नहीं की जाती हैं।

Comparison Chart- 

तुलना का आधार

एनबीएफसी (NBFC)

बैंक (BANK)

अर्थ (Meaning)

NBFC एक ऐसी कंपनी है जो बिना बैंक License के लोगों को Banking Services Provide करती है।

बैंक एक Government Authorised Financial Institution है जिसका उद्देश्य आम जनता को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना होता है।

किसके Under Incorporated है?

Companies Act 1956

Banking Regulation Act, 1949

Demand Deposit कौन Accept करती है?

ये Accept नहीं करती है।

ये Accept करती है।

विदेशी निवेश की कितनी अनुमति होती  है?

100% तक की अनुमति

निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Bank) के लिए 74% तक की अनुमति

Payment और Settlement का System

ये इसके System का हिस्सा नहीं है।

इसके System का एक अभिन्न अंग है।

Reserve Ratio का रखरखाव

इसमें ज़रूरी नहीं है।

इसमें Compulsory होता है।

जमा बीमा सुविधा

इसमें उपलब्ध नहीं है।

इसमें उपलब्ध है।

Credit का निर्माण

एनबीएफसी (NBFC) Credit नहीं बनाती है।

बैंक Credit बनाते हैं।

लेनदेन सेवाएं

इसमें प्रदान नहीं की जाती है।

इसमें प्रदान की जाती है।

CONCLUSION –

NBFC, बैंक के तरह काम जरूर करती है लेकिन, बैंक नहीं है. किसी भी NBFC से लेन देन (खासकर लोन लेने से पहले) करने से पहले उसके बारें में सभी तरह की जानकारी जरूर हासिल कर लें । एक बैंक के Licensing Rules एनबीएफसी (NBFC) की तुलना में अधिक कड़े होते हैं। इसके अलावा, एक बैंक Banking Business के अलावा किसी और Business को Operate नहीं कर सकता है, लेकिन एक एनबीएफसी (NBFC) ऐसे Business को Operate कर सकता है। Difference between Bank and NBFC  से सम्बंधित यदि कोई सवाल है तों नीचे कमेंट बॉक्स में बेझिझक जरूर पूछिए।

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